“मन के भंवर” नाटक का मंचन, रंजीता मेहता ने सराहा

पंचकूला। संस्कार भारती चंडीगढ़, पंचकूला एवम् मोहाली इकाई तथा सुमुखा नाट्य संस्था, दिल्ली एवं उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, पटियाला के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित प्रसिद्ध नाटककार पदमश्री दया प्रकाश सिन्हा द्वारा लिखित और अरविंद सिंह द्वारा निर्देशित “मन के भंवर” नाटक का मंचन किया गयाl नाटक का शुभारंभ मुख्य अतिथि हरियाणा बाल कल्याण परिषद की मानद महासचिव रंजीता मेहता ने कियाl रंजीता मेहता ने आयोजकों को बधाई दी।

हिंदी के प्रसिद्ध नाटककार पदम श्री दया प्रकाश सिन्हा द्वारा लिखित एवं भूपेश जोशी द्वारा निर्देशित नाटक मन के भंवर एक बहुत ही संवेदनशील, सामाजिक एवं अत्यंत वैचारिक विचार नाटक है जो आज भी उतना ही प्रासंगिक है। नाटक में एक प्रसिद्ध मनोचिकित्सक के आदर्श सामाजिक प्रतिबद्धता और समर्पण के कारण इस भौतिक युग में प्रभावित होते आपसी व पारिवारिक संबंधों पर पड़ने वाले प्रभाव को तथा उनकी पत्नी के अति भौतिकवादी और महत्वाकांक्षी सोच से उपजी जटिलताओं और गिरते मानवीय व सामाजिक मूल्यों को दर्शाया गया है।
एक ऐसा मनोचिकित्सक जो पूरे समाज को अपनी सेवाओं से स्वस्थ कर देने की सोच रखता है वो किस प्रकार स्वयं के संबंधों के एक ऐसे “मन के भंवर” में उलझ जाता है जहां उसके अपने ही जीवन से अपनों के लिए ही प्रेम, दया, क्षमा जैसे भाव प्रकट करने की क्षमता समाप्त हो जाती है और वह एक दुहरा जीवन जीने को मजबूर हो जाता है।

डा० वशिष्ठ की भूमिका में भूपेश जोशी तथा अन्य भूमिकाओं में अंजलि राय, शिवम के पाठक, अंशिका चौहान, राजीव चावला, जीत गोसाईं, केशव प्रजापति, अनमोल शर्मा, सौरभ कुमार, जज़्बात, वैष्णवी, मनोज कोहली तथा अंकुर ने भाग लिया। परिकल्पना व निर्देशन भूपेश जोशी का था। मंच संचालन रजनी बजाज ने किया। नाटक में चंडीगढ़ संगीत अकादमी के अध्यक्ष सुदेश शर्मा, संस्कार भारती चंडीगढ़ के अध्यक्ष यशपाल तिवारी, पंचकुला इकाई के9 अध्यक्ष सुरेश गोयल, मंत्री सतीश अवस्थी, संतोष गर्ग, अर्पणा गुप्ता, सुरेश सिरसवाल, मोहाली इकाई की अध्यक्षा डा. निम्मी वशिष्ट, रजनी बजाज तथा सभी सदस्य उपस्थित रहे।

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