भीष्म पितामह राष्ट्रीय अवार्ड” से प्रो. ईश्वर भारद्वाज सम्मानित
महर्षि दयानंद की 200वीं जयंती के उपलक्ष में “आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में योग की भूमिका” विषयक त्रिदिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली के योग विज्ञान विभाग द्वारा किया गया।
कार्यक्रम का उद्घाटन माननीय कुलपति प्रो. मुरली मनोहर पाठक ने किया, उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा योग से ही आत्मनिर्भर भारत बन सकता है। हर कार्य को कर्तव्य भाव से करना ही भगवान श्री कृष्ण के अनुसार योग है। यदि प्रत्येक व्यक्ति अपने-अपने कार्यों को निष्काम व कर्तव्य भाव से करेगा तो ही भारत आत्मनिर्भर बन पाएगा।
माननीय कुलपति प्रोफेसर मुरली मनोहर पाठक, योग विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर वीर सागर जैन, पतंजलि विश्वविद्यालय से पधारे प्रोफेसर निधीश यादव, प्रोफेसर परमानंद भारद्वाज एवं अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने मिलकर प्रोफेसर ईश्वर भारद्वाज का सामूहिक सम्मान किया तथा माननीय कुलपति ने उनको “भीष्म पितामह है राष्ट्रीय अवार्ड” देकर सम्मानित किया.।
सम्मान के उपरांत प्रो. ईश्वर भारद्वाज ने कहा कि योग से ही अपने जीवन में कुशलता प्राप्त कर सकते हैं। यदि हम योग करेंगे तो स्वस्थ रहकर देश के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वाह कुशलता पूर्वक कर सकेंगे जिससे देश आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ेगा । उन्होंने कहा यह सम्मान मेरा नहीं यह देश का सम्मान है हजारों योग प्रेमियों का सम्मान है। यह कर्म का सम्मान है, कर्तव्य का सम्मान है, निष्ठा पुरुष देश के प्रति किए गए कार्यों का सम्मान। सम्मान के लिए उन्होंने विश्वविद्यालय परिवार एवं विशेष कर कुलपति जी का धन्यवाद किया।
कार्यक्रम में दर्शन पीठ प्रमुख प्रो. ए. एस. आरावमुदन, कुलसचिव संतोष कुमार श्रीवास्तव,, कार्यक्रम में दक्षिण अमेरिका से डॉ. सोमवीर आर्य, निदेशक स्वामी विवेकानंद सांस्कृतिक केंद्र, भारतीय राजदूत आवास सूरीनाम, दिल्ली विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर ओमनाथ विमली, पतंजलि विश्वविद्यालय हरिद्वार से निधीश कुमार, डॉ. वात्सल्य पाठक, मनोवैज्ञानिक, डॉ. अशोक भास्कर, डॉ दिनेश यादव, डॉ. अमित राठौर, डॉ. रामनारायण मिश्र, डॉ. दिलीप कुमार तिवारी, महेंद्र भाई जी, कमलेश शास्त्री क्षेत्रीय बाल कल्याण अधिकारी, डॉ. हरीश कुमार, डॉ. रवि कुमार शास्त्री, डॉ. सत्येंद्र मिश्रा, डॉ. मोहन, प्रो. निखिलेश यादव, आशा भारद्वाज, हर्ष शुक्ला, स्वामी ब्रह्मदेव अमेरिका आदि विद्वानों ने अपने विचार रखे।अन्त में कार्यक्रम के सह-संयोजक डॉ. नवदीप जोशी ने सभी गणमान्य लोगो का धन्यवाद ज्ञापन किया ।