मैं सौभाग्यशाली हूं किमेरे पति ने मस्जिद तोडऩे के लिए सबसे पहले कूद लगाई थी-रंजीता मेहता

पंचकूला। राजकीय संस्कृत महाविद्यालय में महर्षि वाल्मीकि अनुसंधान परिषद तथा श्री माता मनसा देवी राजकीय संस्कृत महाविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में श्री रामजन्मभूमि आंदोलन- भूत वर्तमान एवं भविष्य एकदिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया। संगोष्ठी में विशेष अतिथि हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद की मानद महासचिव रंजीता मेहता ने एक दिवसीय संगोष्ठी में श्री राम जन्मभूमि आंदोलन के इतिहास के साथ-साथ इसके वर्तमान तथा भविष्य के परिपेक्ष में अपने विचार व्यक्त किए। रंजीता मेहता ने बताया कि मैं बहुत सौभाग्यशाली हूं कि मैं उस शख्स की पत्नी हूं, जिन्होंने बाबरी मजिस्द को तोडऩे के लिए सबसे पहले कूद लगाई थी।

रंजीता मेहता के अनुसार जब बाबरी मजिस्द तोड़ी गई, तो मेरे पति श्री अभि मेहता भी कार सेवा के लिए गए थे। सबसे युवा होने के चलते अभि मेहता सबसे उपर मस्जिद के अंदर घुस गए थे। उसके बाद बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ ने मजिस्द को तोडऩे का कार्य शुरु कर दिया। देखते ही देखते मजिस्द के गुंबद तोड़ गए। मेरे पति का छोटा सा अंशदान आज एक बड़ी मूर्त ले गया। सबसे अहम बात है कि युग पुरुष नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री काल में हमें यह सौभाग्य मिला।

महर्षि वाल्मीकि अनुसंधान परिषद के निदेशक राघव संजीव घारू ने जानकारी देते हुए बताया कि उनका परिषद श्री राम जन्मभूमि आंदोलन के इतिहास पर शोधकर्ताओं तथा प्राध्यापक के शोध पत्र आमंत्रित कर रहा है, जिसे संकलित करके जल्द ही एक पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया जाएगा और श्री राम जन्मभूमि आंदोलन पर उनके परिषद द्वारा यह पहला कार्यक्रम था जो राजकीय संस्कृत महाविद्यालय की सम्मानित प्राचार्या रीटा गुप्ता तथा उनके स्टाफ के सहयोग से संपन्न हुआ। भविष्य में इसी श्रृंखला में होने वाले कार्यक्रम अन्य सामाजिक संस्थाओं तथा शैक्षणिक संस्थानों के साथ मिलकर किए जाएंगे।

संगोष्ठी में विभिन्न महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं के मध्य स्लोगन राइटिंग तथा पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता करवाई गई। जिसमें से दोनों प्रतियोगिताओं के प्रथम तीन विजेताओं को पारितोषिक देकर सम्मानित किया गया कार्यक्रम के दौरान छात्र-छात्राओं द्वारा माता शबरी की श्री राम के प्रति भक्ति को एक झांकी के रूप में प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर श्रीमती शारदा जी, सचिव श्री माता मनसा देवी श्राइन बोर्ड, श्रीमती रजनी भल्ला, श्रीमती खुशीला, श्रीमती भूपेंद्र कौर, सहायक प्राध्यापक डॉ रणदीप, डॉ रेनू ऋषि ने बतौर प्रतियोगिता के निर्णायक कमेटी की भूमिका निभाई वही संस्कृत महाविद्यालय के डॉक्टर रेणुका ध्यानी समन्वयक के रूप में तथा डॉक्टर राजवीर जी ने मंच का संचालन किया। इस अवसर पर अधिवक्ता नेहा जोली, डॉ राजीव कपिला, अनुराधा वर्मा, विनोद बिंदल, प्रमोद राणा, गौरव गुप्ता, सुशील अटवाल, जसवंत राय शास्त्री, गोविंद चौहान, नरेश कुमार, राहुल बिडलान आदि उपस्थित रहे।

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