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विचार

opinion

आमजन के राज्यपाल: आचार्य देवव्रत

राज्यपाल का पद लंबे समय तक भारतीय राजनीति में केवल औपचारिकता और प्रोटोकॉल का प्रतीक माना जाता रहा है। राजभवन को अक्सर बड़े-बुजुर्ग नेताओं के विश्राम स्थल की तरह देखा गया, जहां गतिविधियाँ केवल दीक्षांत समारोहों या औपचारिक मुलाक़ातों तक सीमित…
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साकार हो रहा मोदी जी का स्वदेशी सपना, जीएसटी राहत से हर क्षेत्र में नई उड़ान

मोदी सरकार का उद्देश्य सिर्फ आर्थिक लाभ तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक सांस्कृतिक और सामाजिक आंदोलनलेखक : शमशेर खरक प्रदेश मीडिया सह प्रभारी,भाजपा हरियाणाकोई भी देश तभी आत्मनिर्भर बन सकता है, जब वह अपनी रोजमर्रा की जरूरतों का सामान…
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इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी लगाकर भारतीय लोकतंत्र पर ग्रहण लगाया : प्रो. विधु रावल

25 जून 1975 को सूर्यास्त होने के बाद शायद ही किसी को आभास हुआ होगा कि यह अंधेरा लम्बे समय तक छटने वाला नही है। उस रात की कालिमा ने भारतीय लोकतंत्र पर ग्रहण लगा दिया। चंद घण्टे पहले दिल्ली के रामलीला मैदान में सम्पन्न हुई इंदिरा-विरोधी रैली…
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भूत-प्रेत की कहानियों से शुरू हुआ अंधविश्वास का जाल

बचपन में बड़े बुजुर्ग अक्सर भूतों से उनके साथ हुई घटनाओं के किस्से सुना महफ़िल लूट लिया करते थे, जिनमें उनका भूतों के साथ बीड़ी पीना आम बात थी और कई बार वो भूतों को हड़का भी देते थे, तब साथ वाले उनके साथी बुजुर्ग उनसे भी भयंकर वाला किस्सा…
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अपमान से आत्मगौरव तक: मोदी युग में बदला भारत !

1965 में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी को अमेरिका के राष्ट्रपति लिंडन जॉनसन ने अमरीका आने का एक आधिकारिक निमंत्रण भेजा था। शास्त्री जी विदेश यात्रा पर थे, वहीं से अमेरिका जाने की योजना थी, पर रास्ते में ही अचानक…
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अंतरराष्ट्रीय योग दिवस: स्वस्थ जीवन का ‘योग सूत्र’

योग की उत्पत्ति हजारों साल पहले भारत में हुई। इसे प्राचीन भारतीय ग्रंथों जैसे वेदों, उपनिषदों, और भगवद्गीता में वर्णित किया गया है। योग का सबसे प्राचीन उल्लेख ऋग्वेद में मिलता है, जो लगभग 5000 वर्ष पुराना है। हालांकि, योग को व्यवस्थित…
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विश्व योग दिवस पर विशेष: साइनस का रामबाण है सूत्र नेति – डॉ. रमेश कुमार

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित साप्ताहिक योग शिविर के आज अंतिम दिन योग विशेषज्ञ के रूप में विश्व योग चैंपियन डॉ. रमेश कुमार योगाचार्य, प्रोफेसर, योग विज्ञान विभाग, श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई…
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जाति जनगणना : सामाजिक न्याय और समानता को बढ़ावा देना

जाति जनगणना दशकों से निष्क्रिय रही है, जो अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों तक ही सीमित है। बिहार जाति जनगणना के बाद, एक व्यापक राष्ट्रीय जाति जनगणना की मांग एक प्रमुख राजनीतिक मुद्दे के रूप में उभरी है। राजनीतिक स्पेक्ट्रम के पार से…
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काश एक राहुल गांधी हमारे दुश्मन पाकिस्तान को भी मिले!

प्रो. विधु रावलभारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर ने सिर्फ़ पाकिस्तान और PoK के आतंकी ठिकानों और विभिन्न पाकिस्तानी एयरबेस को ही मिट्टी में नहीं मिलाया बल्कि पाकिस्तान की इज़्ज़त की भी धज्जियाँ उड़ा दी और पाकिस्तान की साख भी उसी राख में…
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स्वर्णिम अतीत से स्वावलंबन तक: भारत का वैभवपथ

प्रो. विधु रावलजो लोग यह कहकर भारत का उपहास उड़ाते हैं कि “1947 से पहले भारत में सुई तक नहीं बनती थी”, उन्हें इतिहास के उन धुंधलाए पन्नों को फिर से पढ़ना चाहिए, जिन पर आज भी भारत की गौरवगाथा अमिट अक्षरों में अंकित है। भारत वह भूमि है…
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