मास्टर सुरेश द्रविड़ ने कहा इंटरनेट सेवा बंद करने से स्कूल एप्प पर ऑनलाइन फार्म अपलोड ना होने से बच्चों को भारी नुकसान : जेम्स रॉयल
प्रतिनिधि टुडे /
वन स्कूल ऐप पर वर्ष 2023-24 के लिए मासिक स्कीमों के अंतर्गत विधार्थियों की उपस्थिति के आधार पर दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि अब उन क्षेत्रों में नहीं मिल पाएगी, जहां पर किसान आंदोलन के कारण इंटरनेट सेवाएं बंद है, इंटरनेट बंद होने के कारण तृतीय और चतुर्थ तिमाही के लिए विधार्थियों का डाटा वन स्कूल ऐप पोर्टल पर अपडेट करना था,जिसे आज 15 फरवरी 2024 तक अपडेट किया जाना था लेकिन अधिकांश स्कूलों में इंटरनेट वाई फाई की सुविधा उपलब्ध नहीं है, बहुत से स्कूलों में (स्कूल इन्फोर्मेशन मैनेजर) स्कूल सूचना प्रबंधकों के पास भी काम की बहुत अधिक अधिकता है, संकूल संसाधन केंद्र पर काम की अधिकता के कारण जिले के प्राथमिक स्कूलों को और अधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस पोर्टल पर विधार्थियों के बैंक खाता, परिवार पहचान पत्र,व आई डी , आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्रों के साथ साथ विधालय उपस्थिति को भी दर्ज किया जाना था, किसान आंदोलन के चलते अब यह कार्य पूर्ण नहीं हो पाएगा,इस कार्य को पूर्ण न करने पर खण्ड शिक्षा अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी तथा संबंधित विधालय का मुखिया इसके लिए पूर्णतः जिम्मेदार होगा क्योंकि पात्र विधार्थियों का पूर्ण डाटा उनके स्तर पर ही अपलोड किया जाता है और इसी के आधार पर निदेशालय द्वारा डाटा डाउनलोड करके पात्र विधार्थियों के बैंक खाता में पीएफएमएस या डीबीटी के माध्यम से राशि डाली जाती है। इसकी जिम्मेदारी स्कूल मुखियाओं पर डालने से शिक्षकों में मायूसी का माहौल है ,यह मायूसी इसलिए भी है क्योंकि अधिकांश अभिभावकों द्वारा अभी तक बैंकों में खाते भी नहीं खुलवाए गए है, बहुत से बच्चों के खातों से संबंधित आधार कार्ड व जन्म प्रमाण पत्रों में छोटी छोटी त्रुटियां हैं,इन त्रुटियों के कारण बहुत से छात्र स्टाईपेंड से वंचित रह जाएंगे। मौलिक शिक्षक संघ के प्रैस प्रवक्ता सुरेश द्रविड़ का कहना है कि हरियाणा सरकार और शिक्षा विभाग को तुरंत इस ओर ध्यान देना चाहिए और इंटरनेट के बंद होने की सजा शिक्षकों व शिक्षा विभाग के अधिकारियों को नहीं देनी चाहिए। सुरेश द्रविड़ ने आज प्रैस विज्ञप्ति जारी करते हुए यह भी कहा कि हरियाणा सरकार को सबसे पहले आधार कार्डों में छोटी छोटी त्रुटियों को ठीक करवाने के लिए स्कूलों में पढ़ रहे छात्रों के अलग से कैंप लगाने चाहिए।
निदेशक मौलिक शिक्षा विभाग हरियाणा पंचकूला द्वारा 16 जनवरी को जारी पत्र के अनुसार अनुसूचित जाति से संबंधित छात्रों का प्राथमिक स्तर पर कक्षा एक से 5 तक केवल 64 प्रतिशत ही डाटा अपडेट हो पाया था और कक्षा 6 से 8 तक केवल 77 प्रतिशत ही अपडेट हो पाया था, पिछड़ा वर्ग ए से संबंधित कक्षा 1 से 5 तक केवल 55 प्रतिशत ही अपडेट हो पाया था और कक्षा 6 से 8 तक 72 प्रतिशत ही अपडेट हो पाया था, बीपीएल परिवारों से संबंधित पढ़ रहे छात्रों का कक्षा 1 से 5 तक केवल 23 प्रतिशत और कक्षा 6 से 8 तक 72 प्रतिशत ही अपडेट हो पाया था। अब हरियाणा के सात जिलों में इंटरनेट बंद होने से इसमें और भी बढ़ोतरी होने वाली है और इस प्रकार अनेक छात्र प्रोत्साहन राशि से वंचित रह जाएंगे।