मथुरा लोकसभा सीट के प्रबल दावेदार कन्हैयालाल बृजवासी ने की मथुरा वृंदावन की पदयात्रा
ऐसे आयोजन से हम दूसरे को भी प्रेरणा देने का कार्य करते हैं: विमल खंडेलवाल
आज कन्हैयालाल बृजवासी ने भगवान के दर्शन करने का संकल्प लिया तथा संतों से आशीर्वाद लेने की इच्छा जाहिर करते हुए मथुरा से पदयात्रा शुरू की अकेले ही भगवान कृष्ण और राधा रानी को हृदय में बिठाकर आत्म चिंतन करते हुए सर्वप्रथम कंकाली माता के मंदिर पर पहुंचे माता कंकाली के दर्शन किए तथा माता रानी से आशीर्वाद लिया तत्पश्चात भूतेश्वर पर बाबा भोलेनाथ के दर्शन किए शिव पर जल चढ़ाया पूजा अर्चना की और भगवान भूतेश्वर से आशीर्वाद लिया उसके उपरांत पदयात्रा करते-करते द्वारकाधीश के मंदिर में मथुरा पहुंचे वहां भगवान द्वारकाधीश जी की पूजा अर्चना की साक्षात दंडवत प्रणाम किया और भगवान द्वारकाधीश से आशीर्वाद लिया एवं प्रार्थना की उसके उपरांत श्री वृंदावन धाम के लिए नंगे पैर पदयात्रा करते हुए श्री बांके बिहारी जी के मंदिर पहुंचे वहां भगवान बांके बिहारी जी के दर्शन किए और फिर श्रीधाम वृंदावन की परिक्रमा करते हुए समस्त मंदिरों के दर्शन करते हुए संतो के चरणों में सिर झुकाते हुए उनसे आशीर्वाद लेते हुए राधे-राधे का जाप करते हुए ब्रजभूमि की राज को माथे पर धारण करके श्री यमुना मैया के भी दर्शन किए चामुंडा माता के दर्शन किए गोरे दाऊजी के दर्शन किए राधा मदन मोहन के दर्शन किए राधा दामोदर के दर्शन किए वृंदावन के समस्त दर्शनों के दर्शनों किए निधिवन पहुंचे वहां पर भगवान कृष्ण और राधा के दर्शन किए संतो के चरणों में सर झुकाया आशीर्वाद लेते हुए पुणे बांके बिहारी जी के मंदिर पहुंचे और फिर पैदल यात्रा करते हुए माता कात्यानी के दर्शन के लिए पहुंचे सुबह 4:00 बजे से ही पदयात्रा प्रारंभ की गई और शाम को माता कात्यानी के दर्शन के उपरांत ही यात्रा का समापन हुआ व्रत रहकर संकल्पित होकर प्रसन्न मन से समस्त बृजवासियों के लिए सुख की कामना करते हुए यह पदयात्रा की माता कात्यायनी समस्त सुखों को हरने वाली है सब पर कृपा करने वाली है समस्त बृजवासियों की मनोकामनाओं को पूरा करें और ब्रज के लाडले ठाकुर बांके बिहारी जी और सर्वेश्वरी श्री राधा रानी जी के चरणों में प्रार्थना है कि वह समस्त बृजवासियों के दुखों को हर ले और उन्हें सुख समृद्धि प्रदान करें इसे ब्रज में कोई भूखा ना सोए कोई दुखी ना रहे सब प्रसन्न रहें कोई किसी को कष्ट न पहुंचवे ऐसी मनोकामना के साथ प्रभु से आशीर्वाद लेकर माता का चांदी के दर्शन के उपरांत अपने निवास स्थान के लिए प्रस्थान किया कहीं मान प्रतिष्ठा में लेना मिले अपमान गले से लगाना पड़े जल भोजन की परवाह नहीं करके व्रत जन्म बिताना पड़े अभिलाषा नहीं कुछ भी सुख की दुख नित्य नवीन उठाना पड़े श्री कृष्ण के चरणों को छोड़ मुझे भूल से भी कहीं जाना ना पड़े प्रेम करूं तो राधे से कर लूं प्रेम करूं तो कृष्ण से कर लूं यह जीवन है अनमोल श्री राधे राधे बोल जगत में मिठो मिठो बोल