निराश होने से बढ़ सकता है मेंटल स्ट्रेस का लेवल, जानें लक्षण और बचने के उपाय

हम सबको कभी ना कभी जीवन के किसी मोड़ पर निराशा का सामना करना पड़ता है. जब कोई व्यक्ति अपने लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाता या फिर उसे अपने मन मुताबिक चीजें नहीं मिलती, तो ऐसे में वो निराश महसूस करता है. इसका सीधा प्रभाव व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है. निराश होने पर इंसान गुमसुम और चिड़चिड़ा हो जाता है, जिसकी वजह से उसे मेंटल स्ट्रेस भी महसूस होता है.

क्या हैं निराशा के लक्षण?

1. चिड़चिड़ापन और गुस्सा- निराश व्यक्ति छोटी-छोटी बातों पर जल्दी गुस्सा करने लगता है और ऐसे लोगों के व्यवहार में काफी चिड़चिड़ापन आ जाता है.

2. धैर्य की कमी होना- अगर आपको किसी भी चीज को पाने की जल्दी होती है तो इसका मतलब कि आपमें धैर्य की कमी है और ये निराशा का ही लक्षण होता है.

3. स्ट्रेस लेवल का बढ़ना- जब कोई निराश होता है तो उसका शरीर स्ट्रेस होरमोन रिलीज करने लगता है, जिसके कारण हार्ट रेट, मसल टेंशन, सिरदर्द, नींद ना आना और भूख में बदलाव जैसी समस्याएं होने लगती हैं.

4. अभिभूत हो जाना- निराश व्यक्ति अपनी इच्छाओं के पूरा ना होने पर उसी सोच में डूबा रहता है. उसे लगता है कि वो कहीं फंस चुका है, जिससे निकलना मुश्किल है.

5. मोटिवेशन की कमी- मन में लगातार निराशा के भाव होने पर लाइफ में मोटिवेशन की कमी होने लगती है. ऐसा व्यक्ति अपना फोकस भी खो देता है.

6. नकारात्मक बातें करना- जब कोई निराश होता है तो नकारात्मक बातें करने लगता है और अपनी खुद की क्षमताओं पर ही शक करने लगता है.

7. बैचेनी या घबराहट महसूस करना- जो लोग निराश होते हैं उन्हें हर समय एक अजीब सी बैचेनी और घबराहट महसूस होती है, जिसकी वजह से ऐसे लोग किसी भी चीज पर फोकस नहीं कर पाते.

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