सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला में पर्यटकों की दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है भीड़

मेला में अब तक पहुंचे करीब 9 लाख देशी-विदेशी पर्यटक

फरीदाबाद गत 2 फरवरी से शुरू होकर आगामी 18 फरवरी तक चलने वाले 37वें सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला में पर्यटकों की भीड़ दिन-प्रतिदिन बढती जा रही है। आंकड़ों के अनुसार बुधवार 14 फरवरी तक करीब 9 लाख पर्यटक फरीदाबाद के सूरजकुंड में भरने वाले शिल्प मेला में अपनी उपस्थिति दर्ज करवा चुके हैं तथा आगामी दिनों में इस संख्या के और अधिक बढने के आसार हैं।

देश-विदेश से आए कलाकार व शिल्पकार अपनी कला के जरिए मेले में आने वाले सभी पर्यटकों को रिझा रहे हैं। पर्यटक भी शिल्पकारों के हुनर और कलाकारों की प्रस्तुतियों को देखकर पूरा लुत्फ उठा रहे हैं। सूरजकुंड मेला परिसर में दो चौपाल स्थापित हैं, जहां दिनभर देश व विदेश के ख्याति प्राप्त कलाकार दर्शकों का मनोरंजन करते देखे जा सकते हैं।

इसी कड़ी में बुधवार को मेले की बड़ी एवं मुख्य चौपाल पर देशी व विदेशी कलाकार अपने गीत-संगीत व नृत्य कला के बेहतरीन प्रदर्शन से अपनी समृद्ध संस्कृति की छठा बिखेर रहे हैं। बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर मेले की मुख्य चौपाल पर थीम स्टेट गुजरात की धरा सुरेंद्र नगर जिला से मालधारी रास मंडल ने हुड़ो रास अर्थात छतरी डांस की शानदार प्रस्तुति से चौपाल पर बैठे सभी पर्यटकों को झूमने पर मजबूर कर दिया।

मालधारी रास मंडल के कलाकार फिल्म फेयर अवॉर्ड में भी अपनी प्रस्तुति दर्ज करवा चुके हैं। यह रास मंडल वायब्रन्ट के भी सभी कार्यक्रम करते हैं तथा गत वर्ष गुजरात रास प्रतियोगिता में भी इन्होंने प्रथम स्थान को हासिल किया। वर्ष 2012 में यह कलाकार मलेशिया में भी अपनी प्रस्तुति दे चुके हैं। इस मेले में लगभग 50 देश के शिल्पकार व कलाकार अपनी कला व शिल्प का सुंदर प्रदर्शन करके मेले में रंग जमा रहे हैं।

चौपाल पर एक ओर जहां किर्गिस्तान से आए कलाकारों ने अपने देश की समृद्ध संस्कृति से लोगों को अवगत करवाया, वहीं दूसरी ओर मालावी देश की मशहूर गायक मैगीकैप्ट्रन ने अपने देश की खुशहाली के गीत प्रस्तुत किए। जिम्बाब्वे के कलाकारों ने किसान की अच्छी फसल होने पर गाए जाने वाले गीत व डांस की मन मोहक प्रस्तुति दी।

गाम्बिया देश के कलाकारों ने डिजिटल वाद्ययंत्रों के साथ अपना फोक कल्चर मैनेकिरा गीत प्रस्तुत किया। मैनेकिरा गीत आपसी भाईचारे को कायम रखकर सौहार्दपूर्ण जीवन जीने का संदेश देने के लिए गाया जाता है। मुख्य चौपाल पर कोमोरोस के बेनिडाज ग्रुप ने शादी विवाह के मौके पर खुशियों के पलों वाले गीत ओमाहीयाये ओमाहीये ओमेपाले के साथ नृत्य की जोरदार प्रस्तुति दी। बोतस्वाना के कलाकारों ने हुसाना डांस, सिटापा डांस तथा टोगो देश के कलाकारों ने खुशियों के अवसर पर कुंवारी लड़कियों के द्वारा किए जाने वाले जिफोर डांस की प्रस्तुति दी। बडी चौपाल का सुंदर मंच संचालन जनेंद्र ने किया।

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