Kartam Bhugtam Movie Review: करतम भुगतम – ज्योतिष और आस्था की एक दिल दहला देने वाली कहानी

भारतीय ऑडियंस को हमेशा से थ्रिलर फिल्में बेहद पसंद आती है। सोहम शाह की फिल्म ‘करतम भुगतम’ दर्शकों को आस्था और ज्योतिष के रहस्यमय संसार में एक यात्रा पर ले जाती है। रहस्य और सस्पेंस से भरी कहानी ऑडियंस को अंत तक बांध कर रखती है।सोहम पी. शाह द्वारा निर्देशित और श्रेयस तलपड़े, विजय राज, मधू, और अक्षा पारदासानी जैसे शानदार कास्ट के साथ, यह मनोवैज्ञानिक थ्रिलर अपनी ग्रिपिंग कहानी और शानदार परफॉरमेंस  के साथ दर्शकों का भरपूर मनोरंजन करती है।

फिल्म की कहानी देव जोशी (श्रेयस तलपड़े) की है जो अपने पिता के गुजरने के बाद न्यूजीलैंड से भोपाल दस साल के बाद वापस आता है उनके कुछ काम को पूरा करने  के लिए । यहाँ उसकी मुलाकात अन्ना (विजय राज) से होती है जिसको ज्योतिष में महारत है। अन्ना की बातों को सुनने के बाद देव का विश्वास डगमगाने लगता है और जैसे जैसे वह अन्ना का दूसरों की ज़िन्दगी में चमत्कार लाने के अनुभव को देखता है , वह खुद रहस्य और अनिश्चितता के जाल में बढ़ता चला जाता है।इन रहस्यों का जवाब ढूंढ़ते ढूंढ़ते वह वास्तविकता और माया के बीच के अंतर को और खो देता है जिस से देव और दर्शकों दोनों के मन में कई सवाल खड़े हो जाते है।

सोहम शाह को उनके थ्रिलर के  लिए जाना जाता है और इस फिल्म के साथ उन्होंने एक बार फिर से ऑडियंस को एक बेहतरीन थ्रिलर दी है।उन्होंने अंत तक ऑडियंस को एक रोलर कोस्टर राइड की तरह ट्विस्ट टर्न के साथ बांध कर रखा है और अंत में एक प्रभावशाली क्लाइमेक्स  के साथ यह फिल्म पूरी तरह से ऑडियंस के दिलों दिमाग में रह जाती है।

फिल्म की सबसे बड़ी ताकत इसका स्क्रीनप्ले और डायरेक्शन है। फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर और गाने फिल्म के मूड को बरकरार रखते है।

श्रेयस तलपड़े ने देव के रूप में बेहद खूबसूरत प्रदर्शन किया है। वह अपने किरदार  की कमजोरी और उसकी तत्परता को प्रभावी ढंग से पकड़ते हैं। विजय राज की अदाकारी की जितनी प्रशंसा की जाए उतनी कम होगी।  उनकी स्क्रीन प्रजेंस कमाल की है और उन्होंने अपने काम्प्लेक्स किरदार में पूरी तरह से जान भर दी है । मधू और अक्षा अपनी अपनी भूमिका में चमकती हैं और अपने किरदार के माध्यम से उन्होंने फिल्म को सफल बनाने में पूरा सहयोग दिया है।

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