सरस मेले में उमड़ी भीड़, लोक संस्कृति और व्यापार का संगम

- 6 फरवरी तक आमजन उठाएं मेले का लाभ

फरीदाबाद। हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा सेक्टर-12 टाउन पार्क के पास एसएचवीपी ग्राउंड में आयोजित सरस मेले में  विशेष रूप से हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के हस्तशिल्प को प्रमुखता दी गई। इस वर्ष भी लोकगीत, नृत्य और नुक्कड़ नाटक ने दर्शकों का दिल जीत लिया। डीसी विक्रम सिंह के मार्गदर्शन में चल रहे सरस मेले में विभिन्न राज्यों से आए कलाकारों ने अपनी सांस्कृतिक विरासत को जीवंत किया, जिससे मेला देखने आए लोगों को भारतीय लोक संस्कृति की विविधता का अनुभव हुआ। मिट्टी के बर्तन, लकड़ी की नक्काशी, जूट के बैग, और पारंपरिक कपड़ों की खरीदारी करने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ी। इसके अलावा, किसानों और स्वयं सहायता समूहों के लिए भी यह मेला एक बड़ा मंच साबित हुआ, जहां उन्होंने अपने उत्पादों की बिक्री की।

जिला परिषद सीईओ सतबीर मान ने बताया कि सरस मेला न केवल ग्रामीण उत्पादों को बढ़ावा दे रहा है, बल्कि पर्यटकों के लिए भी एक अनूठा अनुभव प्रदान कर रहा है। इस मेले में हस्तशिल्प, हैंडलूम, जैविक उत्पाद, सजावटी वस्तुएं और दैनिक उपयोग की वस्तुएं विशेष आकर्षण का केंद्र है। हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा सरस मेला 2025 का आयोजन 6 फरवरी तक फरीदाबाद के एसएचवीपी ग्राउंड, सेक्टर-12, टाउन पार्क के पास किया जा रहा है। मेले में आमजन निशुल्क प्रवेश कर मेले के आयोजन का लाभ उठाएं। साथ ही सांस्कृतिक मंच के माध्यम से विविधता में एकता का संदेश नजर आ रहा है।

ग्रामीण हस्तशिल्प और हैंडलूम उत्पाद देशभर के बेहतरीन शिल्पकारी द्वारा तैयार उत्कृष्ट वस्तुएं, स्वादिष्ट व्यंजनों के स्टॉल हरियाणा, राजस्थान, जम्मू कश्मीर, बिहार राज्यों समेत विभिन्न क्षेत्रों के पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद, सांस्कृतिक कार्यक्रम हर दिन लोक नृत्य, संगीत और कला के शानदार प्रदर्शन, महिला उद्यमिता की झलक: एसएचजी द्वारा निर्मित उत्पादों की विक्री और प्रदर्शनी, जो महिला सशक्तिकरण का उदाहरण हैं।सरस मेला न केवल व्यापारिक गतिविधियों के लिए बल्कि सांस्कृतिक आदान-प्रदान और समाज को जोड़ने वाले एक बड़े आयोजन के रूप में भी देखा जाता है।

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