‘BJP ने इसे बनाया मुद्दा, तभी ये दिक्कत आई’, राम मंदिर पर बोले अशोक गहलोत
जहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अयोध्या में राम मंदिर कार्यक्रम में शामिल नहीं होने के लिए कांग्रेस पर हमला किया, वहीं राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि यह भाजपा ही थी जिसने इस कार्यक्रम को एक मुद्दा बना दिया था। गहलोत ने कहा, “यह बीजेपी थी जिसने इसे (राम मंदिर) मुद्दा बनाया, जिससे यह समस्या पैदा हुई।” पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि चूंकि सभी की भगवान राम में आस्था है और उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है तो सरकार और ट्रस्ट को उचित कार्रवाई करनी चाहिए थी।
गहलोत ने कहा कि राम मंदिर सभी की आस्था का केंद्र है। सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया था और मतभेदों को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझा लिया गया था। हर धर्म, जाति और वर्ग के लोगों ने इस कदम का स्वागत किया। सरकार और ट्रस्ट को उचित कार्य करना चाहिए था। वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि हमारे शंकराचार्य (धार्मिक गुरु) भी राम मंदिर कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे, जिससे पता चलता है कि इसमें शामिल नहीं होने का कारण महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने इस आयोजन का राजनीतिकरण किया और निर्णय लिया, तो हमारे शंकराचार्य, जो सनातन धर्म के शीर्ष पर हैं और हमारा मार्गदर्शन करते हैं, ने कहा कि वे इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे।
कांग्रेस नेता ने कगा कि ये इतना बड़ा मुद्दा बन गया है कि सभी शंकराचार्यों का कहना है कि वो इस आयोजन का बहिष्कार करेंगे। अगर शंकराचार्य ऐसा कह रहे हैं तो इसका अपना महत्व है। गहलोत ने कहा कि भाजपा को कार्यक्रम की योजना बनाते समय सभी को विश्वास में लेना चाहिए था क्योंकि राम मंदिर जनता के लिए है। उन्होंने कहा कि “उन्हें (भाजपा) इसे इतना विवाद नहीं बनने देना चाहिए था। अगर राम मंदिर सबका है, सुप्रीम कोर्ट का फैसला सबके लिए आया, तो उन्हें सभी जातियों, धर्मों, वर्गों और राजनीतिक दलों को विश्वास में लेना चाहिए था।” गहलोत ने कहा कि भाजपा पर आधारित किसी कार्यक्रम में विपक्षी दलों को आमंत्रित करना सही निर्णय नहीं है और विपक्षी दलों के नेता इसमें शामिल नहीं हो सकते।