38 वें सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय क्राफ्ट मेले में नूंह जेल स्टॉल बना आकर्षण केंद्र

-हरियाणा की 19 जेलों के कैदियों द्वारा बनाए गए हैंडीक्राफ्ट और फूड प्रोडक्ट्स की खूब हुई बिक्री

सूरजकुंड (फरीदाबाद)।  38 वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय क्राफ्ट मेले में इस बार हरियाणा की 19 जेलों के कैदियों द्वारा तैयार किए गए हस्तशिल्प (हैंडीक्राफ्ट) और खाने-पीने की वस्तुओं की स्टॉल लगाई गई। इन स्टॉल्स में विशेष रूप से नूंह, हिसार, अंबाला, करनाल और कैथल की जेलों के कैदियों द्वारा बनाए गए सामान ने दर्शकों को खूब आकर्षित किया।
कैदियों की मेहनत को मिला नया मंच
इस मेले में बैग, कुर्सी, पेंटिंग, हस्तशिल्प वस्तुएं और खाने-पीने की चीजें जैसे बिस्कुट, नमकीन और कुकीज़ की बिक्री की जा रही है। नूंह जेल स्टॉल पर दर्शकों की भीड़ उमड़ी और लोगों ने कैदियों द्वारा बनाए गए उत्पादों को खूब सराहा।
कैदियों के परिवारों को भी मिलेगा लाभ
इस पहल के बारे में जानकारी देते हुए योगेश्वर ने बताया कि जेल में कैदियों को रोजगार से जोडऩे के लिए यह योजना चलाई जा रही है। यहां बिकने वाले उत्पादों से होने वाली कमाई का 50त्न हिस्सा कैदियों के परिवारों को दिया जाता है, जिससे उनके घरवालों को भी आर्थिक मदद मिलती है।
हस्तशिल्प और स्वाद का अनूठा संगम
मेले में कैदियों द्वारा बनाई गई हस्तशिल्प वस्तुएं और खाने-पीने के उत्पादों को लेकर लोगों में काफी उत्साह देखने को मिला। पेंटिंग्स और अन्य कलाकृतियों को भी अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है।
इस पहल का मकसद कैदियों को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें समाज की मुख्यधारा में वापस लाने की कोशिश करना है। इस तरह के प्रयासों से न केवल कैदियों को नई पहचान मिलती है, बल्कि उनके परिवारों की आर्थिक स्थिति भी सुधरती है।

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